Description
भौतिक विज्ञान की इस भाग-दौड़ भरी प्रगति के दौर में जहाँ एक ओर गगनचुंबी इमारतों की ऊँचाई और टेक्नोलॉजी की स्पीड बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर मनुष्यों के संबंधों की गहराई और जीवन में स्थिरता कम होती जा रही है। तो ऐसी कोई समझ मिल सकती है जिससे जीवन की रफ्तार कम किए बिना, बाहर के कोई भी संयोगों या व्यक्तियों में बदलाव किए बिना सिर्फ सच्ची समझ से शाश्वत, स्थाई सुख का अनुभव हो सके?
सामान्यतः अध्यात्म का मार्ग यानी संसार को छोड़कर तप, त्याग का मार्ग, यही समझ हर जगह व्याप्त है। तो क्या संसार में रहकर अध्यात्मिक रहस्यों का समाधान नहीं मिल सकता? मिल सकता है। संसार में रहने के बावजूद, संसार का एक भी दुःख स्पर्श न कर सके ऐसी व्यवहारिक और अध्यात्मिक समझ इस पुस्तिका में मिलेगी।
दुनिया किसने बनाई? यह जगत कौन चलाता है? कर्म कैसे बँधते हैं और उनसे मुक्ति कैसे मिलेगी? खुद की सच्ची समझ प्राप्त करने का सरल और त्वरित रास्ता कौन सा है? क्या इस काल में आत्म-साक्षात्कार संभव है? वह कौन करवा सकता है? ज्ञानी पुरुष की पहचान क्या है? जीवन का ध्येय क्या है? ऐसे तमाम आध्यात्मिक रहस्य एकदम सहज और सरल शैली में प्राप्त करें इस छोटी पुस्तिकाओं में, जो मात्र शब्द नहीं है बल्कि आत्मा को स्पर्श करती हुई समझ रूपी रत्न हैं।