ये अंक में परम पूज्य दादा भगवान कि बाल अवस्था के प्रसंगों कि झांकी दिखाई गई है, जिसमे एक ज्ञानी कि बोधकला और ज्ञानकला का समन्वय देखने को मिलेगा |
प्रस्तुत श्रेणी में अक्रम विज्ञानी ज्ञानीपुरुष श्री अंबालाल मूलजीभाई पटेल के जीवन प्रसंगों को चित्र सहित दर्शाया गया है. उच्च समझ शक्ति और नैतिक मूल्यों से प्रेरित होके आखिर में वो अजोड 'आत्मज्ञानी' परम पूज्य दादा भगवान बने |
ये पुस्तक में उनकी अजोड और प्रेरित करने वाला बचपन को सुंदर चित्र के साथ प्रस्तुत किया है. ये पुस्तक उनके रोज के जीवन के सामान्य प्रसंगों को एनालिसिस करने की अद्भुत क्षमताओ को प्रदर्शित करती है|
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